स्याह-सफ़ेद पल - Manju Sharma
Sunday, 13 October 2013
मुक्तक ----
मुझमें नारहे कोई विकार , ऐ माँ जगदम्बे ऐसा वर दो
व्याप्त जो मुझमें अँधियारा , मिट जाए वो माँ ऐसा वर दो
तू ही जगज्जननी , है तू ही जग संहारक ,पाप विनाशक,मोक्षदायनी
तन, मन ,वाणी ना हो कभी विकृत ,ऐ माँ जगदम्बे ऐसा वर दो
--
--मंजु शर्मा
2 comments:
डॉ. हीरालाल प्रजापति
31 October 2013 at 20:22
बहुत सही प्रार्थना
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manju sharma
9 November 2013 at 23:30
बहुत बहुत धन्यवाद डॉ. हीरालाल प्रजापति जी !....
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बहुत सही प्रार्थना
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद डॉ. हीरालाल प्रजापति जी !....
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