मंजर उस रात का था ,राज तुम्हारे साथ का है
सफ़र श्यामल आसमान का था ,राज क्षितिज के पार का है
घटायें रिमझिम बरस रहीं थी , तन्हाई तरन्नुम में गा रही थी
काइनात मुस्कुरा रही थीं , एहसास तुम्हारे साथ का है
-----मंजु शर्मा
सफ़र श्यामल आसमान का था ,राज क्षितिज के पार का है
घटायें रिमझिम बरस रहीं थी , तन्हाई तरन्नुम में गा रही थी
काइनात मुस्कुरा रही थीं , एहसास तुम्हारे साथ का है
-----मंजु शर्मा
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