मुक्तक ----
फलक पर ऐ वतन तेरा नाम, धूमिल ना होने पाए
वतन परस्ती भूले नेताओं से ,कोई गद्दारी ना होने पाए
हम मर मिटते हैं मारते हुए, दुश्मनों को जब जब
माँ लबों पर तेरे जय हिन्द हो, कोई दुखी ना होने पाए
----मंजु शर्मा
फलक पर ऐ वतन तेरा नाम, धूमिल ना होने पाए
वतन परस्ती भूले नेताओं से ,कोई गद्दारी ना होने पाए
हम मर मिटते हैं मारते हुए, दुश्मनों को जब जब
माँ लबों पर तेरे जय हिन्द हो, कोई दुखी ना होने पाए
----मंजु शर्मा
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