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Sunday 13 October 2013

  मुक्तक ---
        दोस्त बने थे हम बड़े अरमानों से
        निभायी हमने भी बड़ी वफ़ा से
        ना कारण बताया,ना रौष जताया
        वे गुल हो गए हमारी जिन्दगी से
        ----मंजु शर्मा

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