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Friday, 3 January 2014

बाल कविता --- चुन्नू यूँ स्कूल चला

सूरज निकला चिड़ियाँ बोलीं
ट्रिंग ट्रिंग घड़ियाँ बोलीं
चुन्नू उठजा सुबह हो गयी
मम्मी ने आ आवाज लगायी।

      रज़ाई खींच उसको उठाया
      हाथ में उसके ब्रश थमाया
      जल्दी कर देर होगयी
      रसोई में जाती मम्मी बोलीं

उठता हूँ ना चुन्नू कुनमुनाया 
करवट बदल फिर से सोया
ब्रश गिराया बाजू में
चुन्नू खोया सपनों में

      मम्मी दूध गरम ले आयी
      सोता देख गुस्सा आया
      कंधे पे एक धौल जमाई
      हाथ पकड़ बाथरूम छोड़ आयी

गीले बाल टपकता पानी
थरथराता चुन्नू आया
ठण्ड लगेगी मम्मी बोलीं
बदन पौंछ के गले लगाया
  
     पहन के वर्दी मौजा जूता
     तैयार हुआ टाँग के बस्ता
     पापा ने बस में छोड़ा
     चुन्नू यूँ  स्कूल चला

--- मँजु शर्मा

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