मुक्तक ---
पिता की मन्नतों से अवतरित वरदान हूँ मैं
माता के अधूरे सपनों की अरमान हूँ मैं
तन मन से कोमल बेटी,मजबूत इंसान फौलादी इरादों की
लक्ष्मी, इंदिरा ,सायना सी भारत माँ का अभिमान हूँ मैं
----मँजु शर्मा
माता के अधूरे सपनों की अरमान हूँ मैं
तन मन से कोमल बेटी,मजबूत इंसान फौलादी इरादों की
लक्ष्मी, इंदिरा ,सायना सी भारत माँ का अभिमान हूँ मैं
----मँजु शर्मा
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