बाल कविता --नवर्ष का त्यौहार
चँदा मामा ने बाय कहा
सूरज चाचा ने हाय कहा
तो धरा खिलखिलाने लगी
और गगन मुस्कराने लगा
मुबारक हो ....मुबारक हो
शोर चहुँ और मचने लगा
खुश हुए सब लोग
कि नया साल आ गया
नाम लेके चार आया त्यौहार
पोंगल,मकर सक्रांति,बिहु,लोहड़ी
मम्मी कमर कसके गयीं रसोई में
पापा ले कर थैला गए बाज़ार
भोर हुयी खिले सबके मन
मुन्ना पप्पू गुड्डी बब्बू
जा चढ़े छत पे लेके पतंग
क्षण भर में हुआ माहौल रंगीन
ये काटी वो काटी का मचा शोर
पिंकी रिंकी कल्लू मन्नू थे उदास
मुन्ना खुश पतंग लपक के चार
खूब मना नववर्ष का त्यौहार
---मँजु शर्मा
चँदा मामा ने बाय कहा
सूरज चाचा ने हाय कहा
तो धरा खिलखिलाने लगी
और गगन मुस्कराने लगा
मुबारक हो ....मुबारक हो
शोर चहुँ और मचने लगा
खुश हुए सब लोग
कि नया साल आ गया
नाम लेके चार आया त्यौहार
पोंगल,मकर सक्रांति,बिहु,लोहड़ी
मम्मी कमर कसके गयीं रसोई में
पापा ले कर थैला गए बाज़ार
भोर हुयी खिले सबके मन
मुन्ना पप्पू गुड्डी बब्बू
जा चढ़े छत पे लेके पतंग
क्षण भर में हुआ माहौल रंगीन
ये काटी वो काटी का मचा शोर
पिंकी रिंकी कल्लू मन्नू थे उदास
मुन्ना खुश पतंग लपक के चार
खूब मना नववर्ष का त्यौहार
---मँजु शर्मा
कल 23/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !