Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Tuesday, 17 December 2013

    मुक्तक ----
        रजनीगंधा जब जब खिले , बनके खुशबु महका देते हो
        पूर्णिमा का जब चाँद निकले ,बनके रौशनी छा जाते हो
        कल में तुम,आज में तुम,मुझमें तुम,उसमें तुम,सबमें तुम
        प्रभु दुःख में जब याद करूँ , तुम बनके श्वाँस जीवन देते हो
        -----मँजु शर्मा

2 comments:

  1. बहुत ही बढ़िया।

    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया यशवंत यश जी

      Delete