बाल कविता ---आया मौसम जाड़े का …
मौसम ने बदली करवट
आया मौसम जाड़े का
दिन छोटे और रातें लम्बी
सोके उठाओ आनंद जाड़े का
सरपे टोपी गले में मफलर
हाथ में दस्तानें पैरों में मोजे
मोटे मोटे कोट पैंट पहन के
सैर कर उठाओ आनंद जाड़े का
गुड़- मक्खन और मूँगफली
मटर की घुघरी ,गन्ने का रस
संग ताज़ा मट्ठा,साग -मक्का दी रोटी
भरपेट खाके उठाओ आनंद जाड़े का
आसमान ताकीद करे फेंकने की
बर्फ के मुलायम फाये बादलों को
लेकर छाता दौड़ के जाओ
खेलो कूदो उठाओ आनंद जाड़े का
मत भूलना माँ शारदा को
मांगो उनसे वरदान विद्धया का
ओढ़के रज़ाई ले कापी कलम किताबें
पढ़ाई कर उठाओ आनंद जाड़े का
----मँजु शर्मा
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