स्याह-सफ़ेद पल - Manju Sharma
Tuesday, 17 December 2013
मुक्तक ---
तेरी आँखों की चमक ही ,मेरे चेहरे का नूर है
तेरी लबों के अल्फाज़ ही ,मेरी जिंदगी का सुर है
तुम्हारी बे होशी अँधेरा है मेरे जीवन पथ का
तेरी लड़ने की कोशिश ही , मेरी जिंदगी का दस्तूर है
---मँजु शर्मा
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