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Thursday, 5 December 2013

मुक्तक ----
तुझपे दिल हार बैठी ,जिंदगी सँवरने की आस में
भटकती दर दर रही , झलक दिखने की आस में
मंदिर ,मस्जिद ,चर्च, गुरुद्वारा भी ना कर सके तमन्ना पूरी
तमाम उम्र गुज़र गयी , तड़प मिटने की आस में
 ----मंजु शर्मा

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