Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Thursday 5 December 2013


मुक्तक ---
सहमी हुयी शांत झील में, मौजों की हलचल होये तो कुछ बात बनें
सिये हुए लबों से सुर निकले, फिजाओं में संगीत गूँजे तो कुछ बात बनें

कब तलक जख्मों को खुरचते रहोगे, मरहम लगवा कर मुस्कुराओगे
तब नेमत खुदा की बरसे ,ठहरी हुयी जिंदगी में रवानगी होये तो कुछ बात बनें
----मंजु शर्मा

2 comments:

  1. धन्यवाद ,नीलिमा जी

    ReplyDelete
  2. सुन्दर कोमल भाव लिए हुए इस मुक्तक की रचयिता को हमारा नमन है

    ReplyDelete