Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Saturday 9 November 2013

मुक्तक ---

       ये बंधन बड़ा अनोखा है ,अँधेरे और उजाले का
       ये रिश्ता बड़ा निराला है ,साँझ और सवेरे का
       विपदाओं की बारिश और अज्ञानता की धुंध व्याप्त हो
       अंतस में जब झांकेगा रे ,राज खुलेगा इन्सां और रब का

       ---मंजु शर्मा

No comments:

Post a Comment