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Saturday, 29 December 2012

दर्द से रिश्ता 

दर्द से रिश्ता...इन्सान का पुराना है,
किसी से  कम...किसी से ज्यादा याराना है
हर हँसी के पीछे...दर्द का अफसाना है,
हँसने में साथ देता है...दर्द में ठुकराता है जमाना.
किसी के दर्द से...दुनियाँ को क्या मतलब...
दूसरे के दर्द को कहती वो...ये तो दिखावा है.
सभी को कुछ न कुछ...दर्द है जमाने में.
किसी से रिश्ता नया है...मगर हमसे तो पुराना है.
लोगों को दर्द भले, नागवार लगे है...मगर,
हमारी तो जिन्दगी का...लाजवाब तराना है.
दर्द से छुटकारा पाने को...तड़पते हैं लोग...
हमें तो ताजिंदगी...दर्द से रिश्ता निभाना है.
                                                मंजु शर्मा

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